आंध्र प्रदेश के पीठापुरम यात्रा के दौरान कुछ धार्मिक स्थलों का सहपरिवार भ्रमण किया।
पीठापुरम श्रीपाद वल्लभ पादुका मंदिर परिसर में महाराष्ट्र के बहुसंख्य मराठी परिवारों से भेंट हुई। मराठी दत्तात्रेय भगवान के अनेक भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। वहां की दुकानों पर मराठी भाषा में सूचनाएं लिखी गई है। आंध्र प्रदेश में महाराष्ट्र के छोटे शहर का आभास हुआ।
मंदिर में पालकी उत्सव में अनेक मराठी भक्ति गीत, अभंग गाए जाते है। इसमें मराठी के साथ तेलुगु,कन्नड़,हिंदी,तमिल भजन गाए जाते है। यह देखकर भारत की विविधता में एकता दिखाई गई।
मंदिर के आसपास अनेक धर्मशालाएं,निवास व्यवस्था उपलब्ध है।
पीठापुरम श्रीपाद वल्लभ पादुका मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य के पूर्व गोदावरी जिले के पीठापुरम शहर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर श्रीपाद वल्लभ, जो दत्तात्रेय के अवतार माने जाते हैं। उनके जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। मंदिर में श्रीपाद वल्लभ की पादुका को पूजा जाता है।
मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का मुख्य गर्भगृह एक चबूतरे पर स्थित है। गर्भगृह में श्रीपाद वल्लभ की पादुका को एक सोने के सिंहासन पर रखा गया है। मंदिर के परिसर में एक विशाल तालाब भी है।
मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। हर साल लाखों भक्त मंदिर में आते हैं और श्रीपाद वल्लभ की पूजा करते हैं। मंदिर की वार्षिक रथ यात्रा बहुत प्रसिद्ध है। रथ यात्रा के दौरान, श्रीपाद वल्लभ की पादुका को एक रथ में रखकर शहर भर में ले जाया जाता है।
"कुक्कुटेश्वर मंदिर"
कुक्कुटेश्वर मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के काकीनाडा जिले के पीतापुरम शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर शैव और शाक्त दोनों हिंदू परंपराओं में प्रमुख है। यह अठारह महा शक्ति पीठों में से एक है जिसे शक्तिवाद में सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।
मंदिर का निर्माण शतवाहन काल में एक स्थानीय आंध्र भृत्य राजा द्वारा किया गया था। यह मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है जिसमें कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल हैं।
मंदिर का मुख्य देवता भगवान शिव हैं, जिन्हें कुक्कुटेश्वर के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव को एक मोर के सिर के रूप में दर्शाया गया है। मंदिर में एक विशाल एकल पत्थर की नंदी भी है।
मंदिर का दूसरा प्रमुख देवता देवी दुर्गा हैं, जिन्हें पुरुहूतिका के रूप में जाना जाता है। देवी दुर्गा को एक शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है, जो एक स्थान है जहां देवी दुर्गा का एक अंग गिरा था।
मंदिर कई महत्वपूर्ण त्योहारों का आयोजन करता है, जिनमें महा शिवरात्रि, नवरात्रि और कार्तिक मास शामिल हैं।
कुक्कुटेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है जो आध्यात्मिक खोज में लोगों को आकर्षित करता है। यह मंदिर अपने प्राचीन इतिहास, समृद्ध वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
"द्रक्षरामम्"
**द्रक्षरामम्** एक नगर है जो भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के कोनसीमा जिले में स्थित है। यह शिवजी को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर का घर है। द्रक्षरामम् पञ्चराम् तीर्थों में से एक है, जो हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र स्थान हैं।
द्रक्षरामम् मंदिर 8वीं शताब्दी में पूर्वी चालुक्यों द्वारा बनाया गया था। यह एक पत्थर का निर्माण है, जो शिवजी के भीमेश्वर रूप को समर्पित है। मंदिर में एक बड़ा प्रांगण, एक मंडप और एक गर्भगृह है। गर्भगृह में भीमेश्वर स्वामी की मूर्ति है, जो एक बड़ी पत्थर की मूर्ति है।
मंदिर के चारों ओर कई अन्य मंदिर और स्थान हैं। इनमें दुर्गादेवी मंदिर, नंदी मंडप और शिवजी के 108 शिल्प शामिल हैं।
द्रक्षरामम् एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है। हर साल, हजारों भक्त द्रक्षरामम् आते हैं और भीमेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं।
द्रक्षरामम् एक सुंदर जगह है, जिसमें हिंदू धर्म के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।
"अन्नवरम"
अन्नवरम आंध्र प्रदेश के पूर्व गोदावरी जिले में एक छोटा सा गांव है। यह पंपा नदी के तट पर स्थित है और अपनी प्रसिद्ध वीरा वेंकट सत्यनारायण मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर विष्णु के एक रूप को समर्पित है और इसे "दक्षिण का तिरुपति" कहा जाता है।
अन्नवरम एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और हर साल लाखों भक्त यहां आते हैं। मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी और यह एक विशाल और भव्य मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में वीरा वेंकट सत्यनारायण की एक सुंदर मूर्ति है। मंदिर में कई अन्य देवताओं की भी मूर्तियाँ हैं, जिनमें भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान शामिल हैं।
अन्नवरम में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें कामाक्षी देवी मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर और हनुमान मंदिर शामिल हैं। गांव में एक बड़ा बाजार भी है जहां आप स्थानीय हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।
अन्नवरम एक खूबसूरत और ऐतिहासिक गांव है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप आंध्र प्रदेश में यात्रा कर रहे हैं, तो अन्नवरम एक ऐसी जगह है जिसे आप याद नहीं करना चाहेंगे।
"बासर सरस्वती मंदिर"
बासर सरस्वती मंदिर आंध्र प्रदेश के निर्मल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी सरस्वती को समर्पित है, जो ज्ञान, कला, संगीत और विद्या की देवी हैं। मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है और यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है।
मंदिर का निर्माण ऋषि वाल्मीकि ने किया था, जो रामायण के रचयिता थे। मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में किया गया था और यह एक विशाल परिसर है। मंदिर में एक मुख्य मंदिर है, जिसमें देवी सरस्वती की एक सुंदर मूर्ति है। मंदिर के परिसर में अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान गणेश को समर्पित मंदिर शामिल हैं।
मंदिर हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। बसंत पंचमी के त्योहार पर, मंदिर में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस त्योहार पर, भक्त देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और ज्ञान और शिक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह आंध्र
प्रदेश के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है।