''जन्म से पहले एक प्रार्थना''
क्या आप सुन रहे हो?
मैं अभी जन्मा नहीं हूँ
मुझे बचाओ
रक्तपिपासु पिशाचों से
चूहे से, नेवले से तथा
खूंखार दरिंदों से
मैं अभी तक जन्मा नहीं हूँ
मुझे बचा लो
मुझे डर है कि
यह मानव जाति
अपनी रहस्यमयी दुनिया में
मुझे कुचलकर खामोशी से मिटा देगी
मुझे गहरे नशे में डुबो कर
झूठे सपनों से
मुझे बहकाएगी ।
अपने स्वार्थ की बलिवेदी पर
रक्तरंजित कर देगी ।
मैं अभी जन्मा नहीं हूँ
मुझे पानी में छपाछप करने दो
मुझे खुशी से उछलने दो
माँ की दुब में बढ़ने दो
पेड़ों को मुझसे बात करने दो
मेरे लिए आकाश को गीत गाने दो
पंछियों और सुबह की धूप को आने दो
मेरे मन के भीतर रास्ता दिखाने ।
मैं अभी जन्मा नहीं हूँ
मुझे माफ़ करना
मेरे पाप इस दुनिया में
खड़े हो जाएंगे
वे मेरे शब्द बनकर मेरे सामने बोलेंगे
वे वही सोचेंगे जो मेरे विचार होंगे
मेरे गद्दार विरोधी मेरे पीछे राजद्रोह करेंगे मेरे पीठ पीछे वार करेंगे
वे मेरे ही हाथों से मेरा जीवन
समाप्त करेंगे,
मेरे मृत्यु समाधी पर
उनका जीवन लहलहायेगा
मैं अभी जन्मा नहीं हूं
मुझे मेरे नाटक के अंक में
रिहर्सल करने दो,
मुझे कोई संकेत मिलेगा,
जब वह बूढें सयाने मुझे पढ़ाने लगेंगे
जब सत्ता मुझे सताने लगेगी
जब कोई उत्तुंग पहाड़
मुझे भयाक्रांत करेगा,
जब प्रेमी मुझ पर हंसेंगे
रुपहले बादल मुझे मूर्ख बनाएंगे,
जब रेत की आंधी कयामत बरपाएगी
जब कोई याचक मेरा दान ठुकरायेगा
और मेरे बच्चे मुझे धिक्कारेंगे,
मैं अभी जन्मा नहीं हूँ
क्या आप सुन रहे हो?
मेरे पास उस आदमी को
मत आने देना
जो अपने आप को
शैतान या ईश्वर समझता है
मैं अभी जन्मा नहीं हूँ
मुझे शक्ति देना
जिससे मैं संघर्ष करूंगा,
जो मेरी मानवता को
निष्क्रिय कर देना चाहता है
जो मुझे भयंकर पत्थर दिल
मानव में ढालना चाहता है,
जो मुझे एक मशीन का दांता बनाएगा
जो चेहरे पर एक मासूम सी अदा लेकर
मेरे सम्पूर्ण अस्तित्व को नष्ट करेगा
एक प्रहार करके
मुझे चूर चूर करेगा
जैसे अंजुली का पानी छलक जाए
उनको मुझे पत्थर बनाने मत देना
या न ही छलकने देना
यह न कर पाओ तो
मुझे नष्ट कर देना
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अनुवाद- विजय नगरकर
vpnagarkar@gmail.com
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मूल अंग्रेजी कविता- 'Prayer before birth'
Poet -. Louis MacNeice