संसदीय राजभाषा समिति समय-समय पर देश के विभिन्न भागों में अवस्थित केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों/ निगमों / उपक्रमों / फ़ैक्टरियों तथा प्रशासनिक कार्यालयों का निरीक्षण करती रहती है। समिति के निरीक्षण कार्यक्रम की जानकारी प्राय: संबंधित कार्यालयों को 2-3 सप्ताह पहले उपलब करवायी जाती है तथा इसकी सूचना सभी कार्यालयों को फ़ोन तथा फ़ैक्स पर भी दी जाती है।
II. अभी हाल में संसदीय राजभाषा समिति द्वारा कुछ कार्यालयों का निरीक्षण करते समय यह देखा गया है कि संबंधित कार्यालय के मुख्यालय से संबंधित प्रश्नावली पर हस्ताक्षर करनेवाले अधिकारी निरीक्षण बैठक में उपस्थित नहीं थें , समिति ने उनके इस आचरण को गंभीरता से लिया है और इसके लिए संबंधित कार्यालय की कडे शब्दों में निंदा की है।
III. इन परिस्थितियों में संबंधित कार्यालयों से यह अपेक्षित है कि वे समिति की मर्यादा को देखते हुए उनके कार्यालयों के निरीक्षण प्रश्नावली पर हस्ताक्षर करनेवाले अधिकारी स्वयं इन बैठकों में उपस्थित रहें और यह सुनिश्चित करें की उनके कार्यालय में राजभाषा नीति संबंधी कार्यान्वयन का कार्य देखने वाले अधिकारी भी मुख्यालय के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हैं। संबंधित कार्यालय को यह भी निर्देश दिए जाते हैं कि निरीक्षण के समय संबंधित कार्यालयों के प्रधान तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं उनके मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभाग के प्रतिनिधि जिनका स्तर उप सचिव से कम न हो तथा जो अपने- अपने कार्यालयों में राजभाषा नीति का कार्यान्वयन संबंधी कार्य देखते हों, बैठक में उपस्थित रहें जिससे कि समिति की मर्यादा के अनुकूल निरीक्षण कार्यक्रम सुचारु रूप से चल सके। प्रत्येक कार्यालय से यह अपेक्षा की जाती है कि निरीक्षण कार्य के लिए वह अपना संपर्क अधिकारी नामित करे तथा उसका पूरा नाम, पद नाम, निवास तथा कार्यालय दोनों का फ़ोन नंबर संपर्क के लिए मुख्यालय एवं समिति कार्यालय को सूचित करें। यह संपर्क अधिकारी भारत सरकार के उपसचिव के स्तर से कम नहीं होना चाहिए। संबंधित कार्यालय से यह अपेक्षा भी की जाती है कि वह यह सुनिश्चित करें कि समिति कार्यालय को प्रश्नावली के मायम से दी जाने वाली जानकारी अपने आप में पूर्ण है, तथ्यात्मक है तथा सही है। इन कार्यालयों से यह भी अपेक्षित है कि वे कृपया यह भी सुनिश्चित कर लें कि उनके कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही बैठकें नियमित रूप से आयोजित हो रही हैं और इन बैठकों में सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रयोग की समय-समय पर समीक्षा की जाती है।
IV. संसदीय राजभाषा समिति द्वारा निरीक्षण किए जाने वाले कार्यालयों के प्रमुख/प्रशासनिक
प्रावधनों के लिए ध्यान देने योग्य बातों का उल्लेख इसके साथ संलग्न परिशिष्ट में दिया गया है । अत: विभाग के सभी संबंधित कार्यालयों निगमों/ उपक्रमों / फैक्ट्रियों के
अध्यक्षों एवं प्रधानों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे संसदीय राजभाषा समिति के निरीक्षण के दौरान उक्त बातों पर यान दें और समिति की मर्यादा के अनुकूल अपेक्षित कार्रवाई करें।
संसदीय राजभाषा समिति द्वारा विभाग के उपक्रमो /निगमों/फैक्ट्रियों के निरीक्षण के दौरान कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान द्वारा यान देने योग्य बातें :
1. संसदीय राजभाषा समिति द्वारा निर्धारित निरीक्षण प्रश्नावली को मुख्यत: 4 भागों में बांटा जा सकता है:- (1) सामान्य सूचना (2) राजभाषा नियमों के अनुपालन की स्थिति (3) सरकार द्वारा हिंदी के प्रयोग संबंधी आदेशों पर कार्यालय द्वारा की गयी अनुवर्ती कार्रवाई (4) विविध जानकारी आदि में बांटा जा सकता है। प्रश्नावली को भरते समय कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों के हिंदी ज्ञान की जानकारी देते समय हिंदी में प्रवीणता प्राप्त / कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले/ प्रशिक्षण पा रहे अधिकारियों / कर्मचारियों की सूचना स्पष्टत: दी जानी चाहिए। कोष्टक में यदि पहले निरीक्षण हुआ है तो पिछले आंकडे भी प्रस्तुत किए जाए ।
2. यह सुनिश्चित किया जाए कि हिंदी में प्रवीणता/ कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले
अधिकारी/ कर्मचारी अपना अधिकांश काम हिंदी में कर रहे हैं। हिंदी में दक्ष आशुलिपिकों की सेवाओं का समुचित उपयोग हो रहा है।
3.राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3 (3) के अंतर्गत जारी किए जाने वाले कागजात बिना किसी अपवाद के हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जारी किए जाएं।
4. राजभाषा नियम, 1976 के नियम 5 के अंतर्गत हिंदी में प्राप्त सभी पत्रों का उत्तर हिंदी में दिया जा रहा है। इस कार्य की जांच के लिए आवश्यक जांच बिंदु बनाए गए हैं। कार्यालय का नाम राजभाषा नियम 10 (4) के अंतर्गत भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया जा चुका है और नियम 8(4) के अंतर्गत हिंदी में प्रवीणता प्राप्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना सरकारी काम-काज हिंदी में करने के लिए व्यक्तिश: आदेश जारी किए जा चुके हैं। कार्यालय के प्रयोग में लाए जानेवाले सभी कोड मैनुअल आदि नियम 11 में की गयी व्यवस्था के अनुसार द्विभाषी रूप में प्रकाशित या उपलब होने चाहिए। सभी प्रकार के रजिस्टरों में प्रविष्टियां हिंदी में की जा रही हैं और रबर की मोहरे, साईन बोर्ड, सील आदि भी द्विभाषी रूप में तैयार किए जा चुके हैं।
5. राजभाषा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों का उत्तर भी हिंदी में दिया जा रहा है। मूल पत्राचार के संदर्भ में निर्धारित सीमा तक हिंदी का प्रयोग हो रहा है।
6. राजभाषा विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले वार्षिक कार्यक्रम के अनुरूप कार्यालय में अपेक्षित मात्रा में राजभाषा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों का उत्तर भी हिंदी में दिया जा रहा है। मूल पत्राचार के संदर्भ में निर्धारित सीमा तक हिंदी का प्रयोग हो रहा है। हिंदी के टाइपराइटर अथवा कंप्यूटरों की व्यवस्था की जा चुकी है तथा इन सुविधाओं का सही उपयोग किया जा रहा है।
7. जिन्हें हिंदी कार्य की योग्य जानकारी नहीं है अथवा जो अभी हिंदी टाइप/ आशुलिपि में प्रशिक्षित नहीं है , उन्हें योजनाबद तरीके से प्रशिक्षण के लिए नामित किया गया है।
8. विभागीय प्रशिक्षण संस्थानों में हिंदी मायम से अधिकारियों/ कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है एवं पाठयक्रम संबंधी साहित्य हिंदी में उपलब है।
9. राजभाषा नीति के कार्यान्वयन एवं अनुवाद कार्य के लिए प्रत्येक कार्यालय में अपेक्षित मात्रा में अधिकारियों/कर्मचारियों की व्यवस्था है तथा इस कार्य के लिए स्वीकृत सभी पद नियमानुसार भरे गये हैं।
10. वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार पुस्तकों की खरीद पर 50 प्रतिशत बजट अनुदान हिंदी पुस्तकों पर खर्च किया जा रहा है।
11. कार्यालय द्वारा प्रयोग में लायी जाने वाली सभी प्रकार के स्टेण्डर्ड फार्म आदि द्विभाषी रूप में तैयार किए जा रहे हैं।
12. यदि कार्यालय द्वारा भर्ती और पदोन्नति संबंधी कोई लिखित और मौखिक परीक्षा आयोजित की जा रही है तो उम्मीदवारों को परीक्षा में हिंदी का विकल्प उपलब है।
13. सभी अधिकारियों / कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं / सेवा अभिलेखों में की जाने वाली प्रविष्टियां हिंदी में की जा रही हैं।
14. कार्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकें प्रत्येक तिमाही में नियमित रूप से आयोजित हो रही हैं और इन बैठकों की कार्य सूची और कार्यवृत्त हिंदी में जारी किए जा रहे हैं।ं
15. फाइलों पर टिप्पणी और आलेखन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की पुरस्कार योजनाएं चलायी जा रही हैं।
16. हिंदी में कार्य करने में पायी जाने वाली झिझक को दूर करने के लिए समय-समय पर हिंदी कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
17. कार्यालय द्वारा आयोजित समारोह और सम्मेलनों के निमंत्रण पत्रों और अन्य कार्यवाही हिंदी में की जा रही है।
18. कार्यालय की गृह पत्रिकाओं और अन्य सूचना पत्रों में हिंदी का समुचित प्रयोग हो रहा है।
19. निरीक्षण कार्यक्रम संबंधी कार्यालय ज्ञापन में दी गई हिदायतों के अनुसार निर्धारित प्रश्नावली की प्रतियां हिंदी और अंग्रेजी में भरकर समिति सचिवालय को निर्धारित तिथि तक भेज दी जानी चाहिए ।
20. यथासंभव बैठक की व्यवस्था कार्यालय के किसी सम्मेलन कक्ष या समिति कक्ष में की जानी चाहिए।
21. कार्यालय की ओर से बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों के नामों और पद नामों की द्विभाषी पट्टियां मेज पर लगी होनी चाहिए।
22. जिस कार्यालय का निरीक्षण किया जाना हो उसके एक प्रतिनिधि को, यथास्थिति
गेस्ट हाउस से या उस कार्यालय से जहां उप समिति की पहली बैठक हुई हो,
उपसमिति के साथ होना चाहिए।
23. यह सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिए कि बैठक में निरीक्षित कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान तथा उनके वरिष्ठ सहयोगी उपस्थित रहें।
24. सभी संबंधित सामग्री एवं सांख्यिकी सूचनाएं आदि निरीक्षण के लिए तैयार रखी जाए। हिंदी के प्रगामी प्रयोग संबंधी आदेशों, त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट, राजभाषा कार्यान्वयन समिति के गठन एवं बैठकों संबंधी फाइल तथा कर्मचारियों को हिंदी के सेवाकालीन प्रशिक्षण हेतु भेजने के लिए रजिस्टर आदि बैठक कक्ष में तैयार रख जाए ।
25. जिस कार्यालय का निरीक्षण किया जाना हो उसके प्रशासनिक प्रधान का राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के संबंध में अपने कार्यालय द्वारा किए गए प्रयासों, इस दिशा में उपलबियों तथा आगामी योजनाओं को दर्शाते हुए संक्षिप्त विवरण की प्रतियां पर्याप्त संख्या में समिति के अधिकारियों को बैठक से पहले दे दें।
26. यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उपसमिति के सदस्यों को दी जाने वाली जानकारी सभी प्रकार से सही और पूरी हो।
27. संबंधित कार्यालयों के अधिकारी बैठक के मुख्य मुद्दें नोट कर सकते हैं। बैठक की
निजी वीडियो रिकार्डिग नहीं की जा सकती है।
28 यह भी यान रखा जाना चाहिए कि निम्नलिखित बातों से समिति / उपसमिति की मर्यादा भंग होती है और उसका अपमान होता है:-
( क ) उत्तर देने से इन्कार करना ।
( ख ) असल बात को घुमा- फिराकर कहना, झूठी गवाही देना, गलत दस्तावेज प्रस्तुत करना, सत्य को छिपाना अथवा समिति/ उप-समिति को गुमराह करना।
(ग ) समिति/ उपसमिति का अवमानना करना या अपमानजनक उत्तर देना ।
महोदय,
जवाब देंहटाएंआपने बहुत अच्छा जानकारी दी है और यह सभी कंपनी के राजभाषा अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए लेकिन आज तो कंपनी के सभी राजभाषा अधिकारी गलत एवं झूठा दस्तावेज प्रेषित करते हैं और 15 प्रतिशत कार्य होता है और 75 प्रतिशत प्रश्नावली में बताते हैं। इनके बारे में अगर कोई शिकायत कहां की जाती है उसकी जानकारी भी दें तो बहुत ही अच्छा होगा।