*संसदीय राजभाषा समिति निरीक्षण : राजभाषा अधिकारी मित्रों के विशेष ध्यानार्थ*
• निरीक्षण संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कार्यालय प्रधान के ध्यान में लाते हुए उच्च नियंत्रक कार्यालय और प्रधान कार्यालय को तत्काल अवगत कराना होगा।
• निरीक्षणाधीन शाखा/कार्यालय के स्टाफ़ सदस्यों की बैठक बुलाकर निरीक्षण संबंधी सूचना प्रणाली से अवगत कराकर, अपेक्षित सूचना प्रस्तुत करने हेतु उन्हें लिखित पत्र जारी करने होंगे।
• सामान्य व्यवस्था संबंधी ज़िम्मा राजभाषा अधिकारी न लें। कर्तव्यों का आबंटन हो।
• राजभाषा अधिकारी का ध्यान प्रश्नावली की सही/स्पष्ट प्रस्तुति, आधारभूत सामग्री का संकलन, अभिलेखों का अद्यतन, प्रदर्शनी सामग्री की तैयारी इत्यादि पर हो।
• संसदीय राजभाषा समिति कार्यालय को भरी गई प्रश्नावली प्रस्तुत करने के पूर्व प्रधान कार्यालय का अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य है।
• स्वतः निर्णय न लें। निरीक्षण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी का सक्षम प्राधिकारी से लिखित अनुमोदन अवश्य प्राप्त करना होगा।
संयोजक कार्यालय और प्रधान कार्यालय से प्राप्त मार्गदर्शन एवं निर्देशों पर विशेष ध्यान देना होगा।
• निरीक्षण संबंधी संयोजक कार्यालय और ज़रूरतानुसार संसदीय राजभाषा समिति कार्यालय के समन्वयक अधिकारी तथा अपने प्रधान कार्यालय से संपर्क में रहना होगा।
• प्रश्नावली भरने में त्रुटि न हो।जोड-घट, समरूप प्रश्नों के लिए अलग अलग उत्तर, अंग्रेज़ी-हिन्दी पाठ में समानता न होना, अंग्रेज़ी की तुलना में हिंदी फांट का आकार कम होना, …. चिह्न के बजाए रु. लिखना इत्यादि।
• ऊपरी दिखावट न हो। उपलब्ध अभिलेखों एवं कृत कार्रवाई के अनुसार जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।
• गत निरीक्षण के आंकड़े कोष्ठक में देने होंगे।
• समाधान की पंक्तियाँ स्पष्ट और शालीनता पूर्ण हों।(जी हाँ, जी नहीं…..)
• ‘प्रयासरत, प्रयत्नशील, कार्य प्रगति पर’ इत्यादि शब्दों/वाक्यों का प्रयोग न करते हुए वस्तुस्थिति से संक्षेप में अवगत कराना होगा।
• देखना होगा कि सभी अनुबंध स्पष्टत: तैयार कर संलग्न किए गए हैं।
• कार्यालय प्रमुख को सभी प्रश्नों और उत्तरों से स्पष्टत: अवगत कराना होगा।
• संभाव्य प्रश्नों के उत्तर तैयार कर उनसे भी कार्यालय प्रमुख को अवगत कराना होगा। (हिंदी ज्ञान की स्थिति, स्टाफ़ सदस्यों द्वारा कृत हिंदी कार्य की प्रतिशतता, प्रवीणता आदेश, राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्यों द्वारा हिन्दी में कार्य, हिंदी में डिक्टेशन, मूल पत्राचार में हिंदी, अंग्रेज़ी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में दिया जाना, शीर्षस्थ बैठकों में हिंदी का प्रयोग, हिंदी सॉफ़्टवेयर,हिन्दी टंकण कार्य की प्रतिशतता, हिंदी पुस्तकालय पर कृत व्यय की प्रतिशतता, हिंदी प्रतियोगिता पुरस्कार राशि, सेवा अभिलेखों में प्रविष्टियाँ, प्रचार सामग्री एवं विज्ञापनों में हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं पर कृत व्यय की प्रतिशतता पर अधिक ध्यान दिया जाता है।)
• राजभाषा प्रदर्शनी की व्यवस्था, पावर पाइंट प्रस्तुति (पूर्वानुमति से) पत्रिकाओं/बुलेटिनों/पुस्तकों का विमोचन (पूर्वानुमति से) पर ध्यान देना होगा।
• आवश्यक समर्थन सामग्री के अभिलेख साथ रखने होंगे। यथा विज्ञापन एवं प्रचार पर कृत व्यय संबंधी पत्र की प्रति, धारा3(3)के पिरलेख, तिमाही रिपोर्ट, बैठकों के कार्यवृत्त, रोस्टर, अनुदेश पुस्तिकाएँ, प्रक्रिया साहित्य, प्रमुख प्रपत्र, प्रेस विज्ञप्ति इत्यादि।
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(साभार- डॉ वी व्यंकटेश्वर राव)
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