मैं छोटा हूँ, सस्ता हूँ
आम जनता का साथी हूँ,
सुख-दुःख बाँटता हूँ
भेद मन का खोलता हूँ।
हिंदुस्तान मेरा परिवार है,
हर जाति धरम में मेरी पहचान है
जब चाहो पढ़ लो मुझे
जब चाहो भेज दो मुझे।
माता-पिता का आशीर्वाद हूँ
भाई-बहन का धागा हूँ
घर घर की कहानी हूँ
मैं नहीं आता तो वीरानी हूँ।
डाक घर मेरी सराय है
घर आपका मेरा ठिकाना है
डाकिया कहे आपका पोस्ट कार्ड आया है
आप कहे घर हमारे मेहमान आया है।
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