बुधवार, 23 अप्रैल 2008

लाहोर बस

जब बस गुजरती है
बंदुकों की नोक की सुरक्षा में
तब बंटवारे की बहती जख्म
भरने लगती है अश्वत्थामा की जख्म की तरह,

रिश्तों का खुन अपनों को चुबंक की तरह खींच लेता है
बनावटी दीवार ढह जाती है,
मिलन की खुशी में
सरहदें गीली हो जाती है,

मुझे अब नजर आ रही है वाघा सरहद पर
जर्मन में ढह चुके दीवारों की ईटें
बस की चाकों तले
खत्म हो जाएगी नक्शे की कागजी रेखाएँ,

दो क्षितिजो को जोडने वाली बस
जब पूल बनकर गुजरती है
तब उसके नीचे बह जाता है
खुनी हुक्मशाह का इतिहास
आखिर देश बनता है
तलवार की धार के बदले
खून के रिश्तो से ..................


(मुल मराठी कविता - लाहोर बस
मराठी के यूवा कवि - श्री. हेरंब कुलकर्णी ( मोबाईल- 09890748580)
चिरे बंदी, मु.पो.ता. अकोले जि.अहमदनगर, महाराष्ट्र

हिंदी अनुवाद - श्री.विजय प्रभाकर कांबले (मोबाईल- 09422726400 )
प्रभात काँलनी, कलानगर,गुलमोहर रोड
अहमदनगर - 414003 महाराष्ट्र

कॉमन मैन

कॉमन मैन
तुम ने वोट पर ठप्पा लगाया और ‘संसद’ का जन्म हुआ
तुम ने उनको राजा मान लिया,वे विधायक,सांसद बन गए,
तुम ने क़ानुन के आगे सिर झुकाया,संसद सार्वभौम हो गई।
तुम ने दफ्तर के चक्कर काट-काट कर लाल फीताशाही से फाँसी लगवा ली,
तुम ने सपनों को पुकारा,उनके एजेंडा ने जन्म लिया
तुम लोकतंत्र के पालनहार,माता-पिता सब कुछ घोषित हो गए ।
उन्होंने तुम्हारा सम्मान किया,तुम वोटर राजा बन गए
वे सभा में भाषण देने लगे,तुम आज्ञापालक श्रोता बन गए
वे कानून बनाने लगे,तुम कोल्हु के बैल बन गए
वे नोटों पर नचवाने लगे,तुम उन के प्रचार में बंदर बन गए।
बम-विस्फोट के ठीकरों में तुम
निर्वासन की भीड में तुम
भुखमरी,कुपोषण की मौत में तुम
उन की घोषणा की ओर ताकने वालों में तुम
आत्महत्या करने वाले किसानों में तुम
बाँध बनने पर सब कुछ खोने वालों में तुम
हर्जाना पाने के लिए चक्कर काटने वालों में तुम
फुटपाथ पर रह कर ‘मेरा भारत महान’ घोषणा देने वालों में तुम
तुम नजर आते हो हमेशा राशन की कतार से मतदान की कतार तक
कभी कर अदा करते हुए,कभी लाल फीताशाही के चर्खे में घुटते हुए
लोकल में टंगे हुए, भीड में तितर-बितर बिन चेहरा
तुम बगुलों के बँगलों पर याचना करते हो,वे मस्ती में तुम्हें छेडते हैं
तुम्हारे ‘विश्व दर्शन’ से मेरा अर्जुन करने वाले
हे असाधारण “साधारण” मानव!
झोपडपट्टी के नरक से दूर जंगल में रहते हुए
तुमने अपने दिल का आक्रोश,बगावत किस खाई में फेंक दी है?
”सिसीफस” के समान बदन पर पत्थर उठा कर
चुप चाप तुम्हारा पहाड की चोटी की ओर जाना बार-बार
क्या तुम्हारे इस मौन,सहनशीलता को संत करार दूं?
या तुम्हें डरपोक करार करके तुम्हें फटकार दूं?
तुम्हारे स्थितप्रज्ञ की गीता लोकतंत्र के करुण पराजय की
ध्वजा बनकर लहरा रही है लाल किले पर
तुम स्वयं लक्ष्मण-रेखा खिंच कर मतों की भीख डालते गए
वे रावण बनकर तुम्हारा हरण करके
तुम्हें स्वप्न कांचन मृग दिखाते रहे।
तुम्हारे साधारण रहने पर ही असाधारण लोकतंत्र का सिंहासन आबाद है।
अपनी सहनशीलता को अब मिटा दो।
संसद के सामने वह “महात्मा” आँखें बंद करके बैठा है
और यहाँ तुम पुतला बनकर शरारती नजरों से
सब कुछ बरदाश्त करते जा रहो हो।
पुतला होना तुम्हारी सामर्थ्य है या तुम्हारी सिमा?
यह सोच कर मैं पुतला बन रहा हूँ,
हे कॉमन मैन !

(मूल मराठी कविता- हेरंब कुलकर्णी
हिंदी अनुवाद- विजय प्रभाकर कांबले) साभार-समकालीन भारतीय साहित्य, साहित्य अकादमी के अंक ११० (नवबंर-दिसंबर २००३) में प्रकाशित।
हमारे मित्र हेरंब जी ने सिंबॉयसिस पुणे स्थित कैंपस में स्थापित भारत का प्रथम कॉमन मैन के पुतले को देख कर यह कविता बनायी।

हिंदी के प्रसार में सहायक मुफ्त सॉफ्टवेअर

हिंदी के प्रसार में सहायक मुफ्त सॉफ्टवेअर

विज्ञान ने आज सभी जगह प्रगति दर्ज की हैं। कंप्यूटर के आगमन से कार्यालयीन कामकाज में बड़ी सहायता प्राप्त हुई हैं। भारत में कंप्यूटर के आगमन के साथ हिंदी भाषा भी तेजी से बढने लगी। सी.डैक पुणे ने कुछ बेहतरीन साँफ्टवेअर विकसित किए जिससे कप्यूटर पर भारतीय भाषाओं का प्रयोग होने लगा। लेकिन हिंदी के साँफ्टवेअर काफ़ी महंगे थे। हर कार्यालय की अपनी वित्तिय सीमा होती हैं। शुरुवाती के दौर में कंप्यूटर की कीमत में सॉफ्टवेअर खरीदने पडते थे। भारतीय भाषाओं का कारोबार धीरे धीरे बढने लगा। भारतीय भाषाओं के सॉफ्टवेअर अब सस्ते में प्राप्त हो रहे हैं।
विश्वस्तर पर भाषाओं के विकास में कंप्यूटर ने अहम भूमिका निभाई हैं। अँग्रेजी भाषाके फाँट यूनिकोड में परिवर्तित हुए हैं। अनेक सॉफ्टवेअर मुफ्त में वितरित हो रहे है। कंप्यूटर की दुनिया में शेरवेअर, फ्रिवेअर सॉफ्टवेयरों का बोलबोला हैं। इस बदलते परिवेा में हम कितने दिनों तक विदेशों का मुँह ताकते रहेंगे? भारत सरकार ने भारतीय भाषाओं के लिए प्रौधोगिकी का विकास किया हैं। सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार मंत्रालय ने www.ildc.gov.in वेब साईट जारी की हैं। इस साईट पर भारतीय भाषाओं के विकास कार्यक्रमों की जानकरी दी गई हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत अनेक भारतीय भाषाओं के सॉफ्टवेअर इंटरनेट के माध्यम से मुफ्त डाऊनलोड किए जा सकते हैं। मुफ्त सॉफ्टवेअर डाऊनलोड करने से पहले आपका नाम पंजीकृत किया जाता है।पंजीकरण के बाद आपको यूजरनेम (प्रयोगकर्ता नाम) और पासवर्ड (कुट संकेत) दिया जाता है। इसके बाद आपकी कप्यूटर की आवयकताओं के अनुसार आप संबंधित सॉफ्टवेअर डाऊनलोड कर सकते है।
कृपया ध्यान रखें कि डाऊनलोड करने से पहले आपके कंप्यूटर पर डी.ए.पी.(डाऊनलोड एक्सलेंटर प्रोटोकॉल) अथवा फ्लैागेट सॉफ्टवेअर अवय स्थापित किया गया है। किसी सॉफ्टवेअर को इंटरनेट पर डाऊनलोड करने में यह सॉफ्टवेअर मदद करता है। इससे कम समय में डाऊनलोड प्रकिया तेजी से संपन्न होती है। www.tdil.mit.gov.in पर निम्नलिखित सॉफ्टवेअर मुफ्त डाऊनलोड हेतु उपलब्ध है।

· देसिका (भाषा आकलन की सहज प्रणाली)
यह 693 के.बी.साईज का विंडो 95 प्लैटफॉर्म पर चलनेवाला सॉफ्टवेअर सी डैक बेंगलुर ने विकसित किया है।
· गीता रिडर
धर्मग्रंथ गीता पढने के लिए यह सॉफ्टवेअर सी.डैक बेंगलुर ने बनाया है। यह विंडो-95 प्लैटफॉर्म पर चलता है। इसका आकारमान 3.29 एमबी है।
· ए एल पी पर्सनल (भाषा संसाधन प्रणाली) -
सी डैक पुणे द्वारा विकसित सॉफ्टवेअर 3.5 एमबी आकारमान का है जो डॉस 3.0 अथवा उससे उन्नत डॉस प्लैटफार्म पर चलाया जा सकता है।
· कॉरपोरा (भारतीय भाषाओं का ाब्द संसार) -
सी डैंक पुणे द्वारा विकसित इस सॉफ्टवेअर का आकारमान 176 एमबी है। इसमें हिंदी के सभी अपरिष्कृत शब्दों को पी सी आई एस सी आई आई में संग्रहित किया गया है।
· शब्दबोध (वाक्य विलेषण) -
संस्कृत शब्दों का अर्थगत व वाक्यगत विलेषण कंप्यूटर की सहायता से पारस्परिक अनुप्रयोग द्वारा किया जा सकता है।
· श्री लिपि भारती -
यह एक देवनागरी की बोर्ड ड्रायवर और ट्रू टाईप फाँटस है। इसका प्रयोग पेजमेकर,कोरलड्रा,व्हेंचुरा,अडोब इल्यूट्रेटर,एम एस ऑफिस 97/98/2000 एक्सपी आदी प्लॅटफॉर्म पर किया जा सकता है। यह फाँटस मुफ्त डाऊनलोड करके कही भी प्रयोग में लाए जा सकते है। इसका आकार 1.28 एम बी है तथा एम सी आई टी भारत सरकारने प्रदान किया है। माडयूलर कंपनी द्वारा निर्मित यह सॉफ्टवेअर एक उपयोगी की बोर्ड ड्रायव्हर है।
· बहुभाषिक ई मेल क्लाएंट -
सी डैक पुणे निर्मित यह सॉफ्टवेअर 2.12 एम बी आकारमान का विंडो 95/98 प्रणाली पर कार्य करता है। इसमें आप दस भारतीय भाषाओं में ई मेल भेज सकते है।
· आई लिप -
सी डैक पुणे द्वारा निर्मित यह सॉफ्टवेअर 4.00 एम बी आकारमान का विंडो 95/98 एन टी पर चलाया जा सकता है। इससे वर्तनी सुधार,ई मेल भेजना,पर्दे पर की बोर्ड सुविधा,क्ष्च्क्क्ष्क्ष् डेटा आयात करना,बहुभाषिक एच टी एम एल,बनाना ,शब्द संशोधक आदी कार्य किया जा सकता है। इस पुरस्कृत सॉफ्टवेअर द्वारा भारतीय भाषाओं में फाईल मेनू से एच ए टी एम एल रुप में भेजा जा सकता है।
· अक्षर -
अँग्रेजी हिदी में काम करने में सहायक सॉफ्टवेअर सॉफ्टटेक लि.नई दिल्ली ने बनाया है। विंडो 95 प्लॅटफॉर्म पर चलनेवाला यह सॉफ्टवेअर 3.5 एम बी आकारमान का है। यह सॉफ्टवर्ड तथा वर्डस्टार की तरह कार्य करता है। इसमें वर्तनी संशोधक, शब्दकोष, मेलमर्ज .टाइपराइटर ,की बोर्ड आदी सुविधा उपलब्ध है।
· सुरभी प्रोफेशनल -
अपल सॉफ्ट बेंगलुर द्वारा निर्मित यह की बोर्ड इंटरफेस सॉफ्टवेअर विंडो आधारित सभी प्लॅटफॉर्म जैसे एम एस वर्ड,एम एस एक्सेल,पेजमेकर आदी में कार्य करता है। इसमें अटो फाँट सिलेक्न,फाइंड अँड रिपलेस,अटोकरेक्ट तथा इंटेलिजेंट की बोर्ड मॅनेजर सुविधा उपलब्ध है।
श्व् बुध्दीमान कुंजीपटल प्रबंधक (इटेलिजंट की बोर्ड मॅनेजर) -
अपल सॉफ्ट बैंगलुर द्वारा निर्मित यह सॉफटवेअर विंडो 95/98 प्लॅटफॉर्म पर काम करता है। फाईल नाम,फॉट नाम हिंदी में टाइप करते समय प्राय हिंदी अक्षरों की जगह मशीनी अपाठ भाषा दिखायी देती है। इस समस्या का हल इस सॉफ्टवेअर द्वारा निकाला जा सकता है।
श्व् शब्दिका -
यह एक लेखा परीक्षा,लेखा बँकिंग प्राासन,सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित शब्द संग्रह है। सी डैक नोएडा व वैज्ञानिक तथा तकनिकी शब्दावली आयोग द्वारा निर्मित यह सॉफ्टवेअर विंडो की सभी प्रणाली में कार्य करता है।यह एक मानक, प्रामाणिक द्विभाषी शब्द संग्रह है। कार्यालय में हिंदी पत्राचार करते समय आप बँकिग प्रशासकिय,लेखा तथा लेखा परीक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी के कठिन शब्दों का अर्थ आसानी से देख सकते है।
· एच वर्ड -
विंडो आधारित प्लैटफॉर्म पर कार्य करने वाला यह हिंदी का शब्दसंसाधक सी डैक नोएडा ने निर्माण किया है। हिंदी भाषा पर केंद्रित इस सॉफ्टवेअर में इन्स्क्रीपट, टाइपरायटर तथा रोमन की बोर्ड की खुबीयाँ मौजुद है। रोमन की बोर्ड भारतीय लिपि को रोमन लिप्यतंरण तालिका पर ( क्ष्ग़्च्ङग्र्च्र्) मौजुद सहज सुलभ बनाया है। फाईल बनाते समय पत्र में तिथि व समय डालना, पर्दे पर दिखायी देनेवाला की बोर्ड, फाँट परिवर्तन
( डी वी टी टी फाँट से लेखिका फाँट में परिवर्तन ) आदि सुविधाओं का लाभ ले सकते है।
· इंडिक्स -
भारतीय भाषाओं के लिए लाईनेक्स प्रणाली पर आधारित यह सॉफ्टवेअर एन सी एस टी ने प्रदान किया है। बहुभाषिक आधार, वेब ब्राऊजर, मेन्यू लेबल , मेसेज आदि जी यू आई ( ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ) स्थानिक भाषा में प्रदर्शित होते है। यूनिकोड प्रणाली, ओपन टाईप फाँट विंडाज प्रणाली में सहायक, क्लायंट लाईब्रोरी से भारतीय भाषाओं में विकास, इनस्क्रीप्ट की बोर्ड, इस्की से यूनिकोड परिवर्तन, उच्च गुणता की छपवाई आदि सुविधाएँ है।

उपर्युक्त मुफ्त सॉफ्टवेअरों को संकलित करके कुछ अन्य फाँट की बोर्ड ड्राईवर, हिंदी ओ सी आर, फाँट परिवर्तन, शब्दसंसाधक आदि सुविधाओं को भारत सरकार ने स्वतंत्र वेबसाईट पर www.tdil.mit.gov.in पर भी रखा है। हिंदी सॉफ्टवेअर उपकरण की सी डी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने नि:शुल्क सॉफ्टवेअर वैबसाईट www.ildc.in पर उपलब्ध कर दिए है। इस सॉफ्टवेअर का विमोचन मा. श्रीमती सोनियाजी गांधी के कर कमलों द्वारा तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री दयनिधि मारन जी की उपस्थिति में नई दिल्ली में दिनांक 20.06.2005 को विज्ञान भवन में किया गया। इस योजना के अंतर्गत सभी भारतीय भाषाओं को क्रम बध्द रिति से विकसित किया जा रहा है । अबतक तमिल व हिंदी भाषा की स्वयंपूर्ण सीडी का मुफ्त वितरण किया गया है ।इस मुफ्त सीडी के सहारे अब कोई भी व्यक्ति,संस्था,कार्यालय में अपने कंप्यूटर पर हिंदी भाषा का प्रयोग आसानी से कर सकता है ।
इस मुफ्त सॉफ्टवेयर में उपर्युक्त शब्दसंसाधक (वर्ड प्रोसेसर) विभिन्न प्रकार के पाचसौ फाँट, शब्दकोष, वर्तनी संशोधक, अक्षर से ध्वनी( टेक्स्ट टू स्पीच ) प्रकाशकीय अक्षर पहचान तंत्र ( ओ.सी.आर)मशीनी अनुवाद आदि सुविधाएँ उपलब्ध है।
इस मुफ्त सॉफ्टवेअर में कुछ कमियाँ भी पायी गई है। लेकिन कंप्यूटर पर हिंदी भाषा का प्रसार करने की दिशा में भारत सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है। इस सॉफ्टवेअर को उन्नत करने की काफी गुंजाईश है।सॉफ्टवेअर के पंडितों ने अपने सूझाव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार को भेजने चाहिए। हम आशा कर सकते है कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं का अस्तित्व निरंतर बढता रहेगा। कंप्यूटर के बिना भाषा पीछे रहना खतरे की निशानी है।


-- विजय प्रभाकर कांबळे,

पीठापुरम यात्रा

 आंध्र प्रदेश के पीठापुरम यात्रा के दौरान कुछ धार्मिक स्थलों का सहपरिवार भ्रमण किया। पीठापुरम श्रीपाद वल्लभ पादुका मंदिर परिसर में महाराष्ट्...